खुद का सिला गाउन पहन कान्स पहुंचीं
2024 के मई में आयोजित कान्स फिल्म समारोह में फैशन इंफ्लूएंसर नैन्सी त्यागी ने खूब सुर्खियां बटोरीं। उत्तर प्रदेश की नैन्सी त्यागी ने समारोह में खुद का सिला हुआ गाउन पहनकर इतिहास रच दिया। इस गाउन का वजन 20 किलोग्राम था। गुलाबी रंग के गाउन को बनाने के लिए नैन्सी ने 1000 मीटर कपड़ा लिया था और एक महीने में इसे तैयार किया था। फोबर्स इंडिया के शीर्ष 100 डिजिटल हस्तियों की सूची में उनका नाम शामिल किया गया।
17 वर्षीय काम्या कार्तिकेयन ने रचा इतिहास!
24 दिसंबर, 2024 को कक्षा 12 की छात्रा काम्या कार्तिकेयन सात महाद्वीपों की सात सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला बन गई हैं।
दक्षिण मुंबई के कोलाबा में नेवी नगर स्थित नेवी चिल्ड्रन स्कूल की कक्षा 12 की छात्रा काम्या कार्तिकेयन ने सात महाद्वीपों की सात सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला बनकर इतिहास रच दिया है।
17 वर्षीय साहसी ने पहले ही अफ्रीका (माउंट किलिमंजारो), यूरोप (माउंट एल्ब्रस), ऑस्ट्रेलिया (माउंट कोसियसज़को), दक्षिण अमेरिका (माउंट एकॉनकागुआ), उत्तरी अमेरिका (माउंट डेनाली), एशिया (माउंट एवरेस्ट) पर विजय प्राप्त कर ली थी और अंटार्कटिका में विंसन मैसिफ़ की अपनी अंतिम चढ़ाई के साथ उनके पर्वतारोहण करियर का समापन हुआ।
भारतीय नौसेना ने बताया कि युवा एवरेस्टर ने अपने पिता, भारतीय नौसेना कमांडर एस कार्तिकेयन के साथ 24 दिसंबर को चिली मानक समयानुसार 1720 बजे माउंट विंसेंट अंटार्कटिका के शिखर पर पहुंचकर क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सेवन समिट चैलेंज को पूरा किया। वह बेहद आत्मविश्वासी, अच्छी वक्ता और बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। युवा काम्या – गाती है, गिटार बजाती है, दौड़ती है, स्की करती है, वह एक प्रेरणादायक वक्ता है – काम्या अपना खुद का इंस्टाग्राम अकाउंट @kaamya.sahas पर चलाती है, जहां वह अपने व्यापक कारनामों का विवरण देती है।
छोटी उम्र में बड़ा कमालः नंदिनी बनीं दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला CA, Guinness World Records में नाम दर्ज
कभी महिला लिंगानुपात, बंदूक, डकैत और बीहड़ों के लिए कुख्यात मध्यप्रदेश के छोटे से जिले मुरैना की एक बेटी नंदिनी अग्रवाल ने पूरे चंबल अंचल का नाम रोशन कर दिया है।
साल 2021 में हुई सीए की परीक्षा में नंदिनी ने पूरे भारत में पहला स्थान पाया, अब गिनीज आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नंदिनी का नाम विश्व की सबसे कम उम्र की महिला सीए के तौर पर दर्ज किया गया है।
Guinness World Records नंदिनी बताती हैं जब मैं 11वीं में थी और हमारे स्कूल में गिनीज आफ वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर आए थे। उन्हें सब लोग बड़ी इज्जत दे रहे थे और पूरे सम्मान से बात कर रहे थे। उन्हें देखकर ही मैंने गिनीज आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाने का सपना देखा। अब मेरा यह सपना भी पूरा हुआ। वह कहती हैं 12 से 15 घंटे की पढ़ाई का क्रम कभी नहीं तोड़ा। यही अनुशासन काम आया। सीए परीक्षा के दौरान मोबाइल व टीवी से दूरी बनाकर रखी। मुझे बैडमिंटन, टेबल टेनिस खेलने व दौड़ने का शौक था। दिल्ली मैराथन में वह कई बार भाग ले चुकी हूं।
नंदिनी अग्रवाल 19 साल 330 दिन की उम्र में सीए बन गई थीं और वर्तमान में मुंबई में सिंगापुर सरकार की कंपनी में नौकरी कर रही हैं। नंदिनी अग्रवाल बचपन से ही मेधावी रहीं। जब बच्चों को यूकेजी व एलकेजी में ककहरा व एबीसीडी के शब्द हाथ पकड़कर बनाना सिखाया जाता है, उस उम्र में नंदिनी हिंदी व अंग्रेजी पढ़ने व लिखने लगी थीं।
यह देखकर स्कूल प्रबंधन ने एलकेजी में पढ़ रही नंदिनी को पदोन्नत (प्रमोट) कर कक्षा दो में दाखिला दे दिया और वह अपने बड़े भाई सचिन अग्रवाल के साथ पढ़ने लगीं। दोनों भाई-बहन ने दूसरी से लेकर सीए तक की पढ़ाई साथ-साथ की। 2021 में हुई सीए फाइनल में नंदिनी ने 800 में से 614 अंक लेकर आल इंडिया प्रथम स्थान हांसिल किया।
नंदिनी के पिता नरेश चंद कर सलाहकार हैं और मां डिंपल गृहिणी हैं। अपनी सफलता का श्रेय नंदिनी मां डिंपल को देती हैं।
दो अंतरराष्ट्रीय परीक्षा पास, अब डाक्टर नंदिनी 180 देशों में मान्य सीए
चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के बाद नंदिनी ने दो अंतरराष्ट्रीय परीक्षा दीं, जिनमें पहले एसीसीए की अंतरराष्ट्रीय परीक्षा में देश में पहला व विश्व में 7वीं रैंक पाई।
इस परीक्षा में 180 देशों के सीए शामिल हुए, परीक्षा पास करने के बाद नंदिनी अब विश्व के 180 देशों में मान्य सीए है और किसी भी देश में नौकरी कर सकती हैं। तीन महीने पहले नंदिनी ने वर्ल्ड रिकार्ड यूनिवर्सिटी से यंगेस्ट चार्टेट अकाउंटेंट विथ आल इंडिया रैंक वन विषय में पीएचडी की उपाधि भी ली है। अब वह एमबीए करना चाहती हैं।