एयर इंडिया विमान दुर्घटना की 5 दिल दहला देने वाली कहानियाँ: जीवित बचे व्यक्ति से लेकर नेताओं की त्रासदी तक

एयर इंडिया विमान दुर्घटना की 5 दिल दहला देने वाली कहानियाँ: जीवित बचे व्यक्ति से लेकर नेताओं की त्रासदी तक

एयर इंडिया विमान दुर्घटना की 5 दिल दहला देने वाली कहानियाँ: जीवित बचे व्यक्ति से लेकर नेताओं की त्रासदी तक

निम्नलिखित पांच कहानियाँ हाल ही में 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान दुर्घटना (फ्लाइट AI171) से संबंधित हैं, जो लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी। यह दुर्घटना भारत के सबसे घातक विमान हादसों में से एक थी, जिसमें 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई, और केवल एक यात्री, विश्वासकुमार रमेश, जीवित बचे। इसके अलावा, जमीन पर कई लोग, जिनमें बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्र शामिल थे, इस हादसे में मारे गए। ये कहानियाँ इस त्रासदी के मानवीय प्रभाव को दर्शाती हैं, जो समाचार स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित हैं।

1. विश्वासकुमार रमेश: एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति की मार्मिक कहानी

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सौजन्य सोशल मीडिया पोस्ट

विश्वासकुमार रमेश, एक भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक, इस हादसे के एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति थे। वह सीट 11A पर बैठे थे, जो आपातकालीन निकास के पास थी। दुर्घटना के तुरंत बाद, उन्होंने बताया कि टेक-ऑफ के 30 सेकंड बाद एक जोरदार आवाज सुनाई दी, और विमान तेजी से नीचे गिर गया। रमेश ने किसी तरह अपनी सीट बेल्ट खोली और टूटे हुए आपातकालीन दरवाजे से बाहर निकल गए। अस्पताल में, खून और गंदगी से सने हुए, उन्होंने अपनी कहानी बयान की, लेकिन उनकी खुशी अधूरी थी।

उनके भाई अजय, जो सीट 11J पर बैठे थे, इस हादसे में मारे गए। रमेश ने कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि मैं कैसे बच गया; यह एक चमत्कार है।” उनके भाई नयन ने इसे “चमत्कार” बताया, लेकिन अजय की मृत्यु ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।

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2. विजय रूपाणी: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री का दुखद अंत

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विजय रूपाणी, जो 2016 से 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, इस विमान में सवार थे और उनकी मृत्यु इस हादसे में हो गई। उनकी मृत्यु की पुष्टि केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने की। रूपाणी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रमुख नेता थे, जिन्होंने अपने छात्र जीवन से ही सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में योगदान दिया था। उनकी मृत्यु ने गुजरात में शोक की लहर दौड़ा दी, और राजकोट में उनके सम्मान में आधे दिन के लिए बाजार बंद रहे। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने उनके निवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “हमने एक समर्पित नेता और समाजसेवी को खो दिया।”

3. डॉ. प्रतीक जोशी और उनके परिवार की त्रासदी

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डॉ. प्रतीक जोशी, रॉयल डर्बी अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट, अपनी पत्नी डॉ. कोमल व्यास और तीन बच्चों—आठ वर्षीय बेटी मिराया और पांच वर्षीय जुड़वां बेटों प्रद्युत और नकुल—के साथ इस विमान में थे। यह परिवार लंदन में नई शुरुआत के लिए जा रहा था, जब यह हादसा हुआ। जोशी ने बेलगावी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और कोलार के श्री देवराज उर्स अकादमी में पढ़ाई की थी। उनकी मृत्यु ने इन संस्थानों में शोक की लहर पैदा कर दी। डर्बी हिंदू मंदिर ने उनके परिवार के लिए प्रार्थना की, और उनके पूर्व पड़ोसी नील रयान ने उन्हें “बेहद सभ्य और दयालु” बताया। इस परिवार का नुकसान पूरे समुदाय के लिए एक बड़ा आघात था।

4. बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रों की हानि

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विमान बीजे मेडिकल कॉलेज और सिविल अस्पताल के एक डॉक्टर्स हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जहां दोपहर के भोजन के समय कई मेडिकल छात्र मौजूद थे। कम से कम चार छात्रों—आर्यन राजपूत, जय प्रकाश चौधरी, मनव भदू और एक अन्य—की इस हादसे में मृत्यु हो गई। ये छात्र अपनी पढ़ाई के लिए मेहनत कर रहे थे, और उस दिन दोपहर का भोजन उनकी आखिरी सभा बन गई। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने बताया कि 50 से 60 छात्र अस्पताल में भर्ती हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर थी। इस हादसे ने मेडिकल समुदाय को गहरा सदमा पहुंचाया, और कई परिवार अपने होनहार बच्चों को खोने के दुख में डूब गए।

5. सिंग्सन: परिवार की एकमात्र कमाने वाली की मृत्यु

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सिंग्सन, इस विमान में चालक दल की सदस्य थीं, और उनके परिवार ने बताया कि वह अपने परिवार की एकमात्र कमाने वाली थीं। उनकी मृत्यु ने उनकी माँ और भाई को गहरे संकट में डाल दिया, जो पूरी तरह उन पर निर्भर थे। उनके चचेरे भाई टी. थंगलिंगो हाओकिप ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के बाहर बीबीसी को बताया कि वह सिंग्सन के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला। यह कहानी उन कई परिवारों की पीड़ा को दर्शाती है, जो इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने के बाद अनिश्चितता और दुख में डूब गए हैं।

निष्कर्ष

ये कहानियाँ अहमदाबाद विमान दुर्घटना के विनाशकारी प्रभाव को उजागर करती हैं, जिसमें न केवल यात्रियों, बल्कि जमीन पर मौजूद लोगों की भी जान गई। एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति की कहानी से लेकर मेडिकल छात्रों और एक समर्पित चालक दल की सदस्य की मृत्यु तक, यह त्रासदी कई समुदायों और देशों को प्रभावित करने वाली एक गहरी मानवीय हानि है। जांच अभी जारी है, जिसमें ब्लैक बॉक्स और अन्य सुरागों की मदद से दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

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