आज का दिन: नवमी तिथि, हस्त नक्षत्र और खरमास का आरंभ
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 13 दिसंबर 2025 का दिन पौष मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि (जो शाम 04:37 बजे तक रहेगी, जिसके बाद दशमी तिथि शुरू होगी) के अंतर्गत है। आज शनिवार (Shanivar) है, जिसका सीधा संबंध न्याय के देवता शनिदेव (Shanidev) से है।
आज का दिन एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना के कारण विशेष है: सूर्य देव शाम 07:14 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जिसके साथ ही खरमास (Kharmas) की अवधि शुरू हो जाएगी।
📅 आज का पंचांग 13 दिसंबर 2025
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष कृष्ण नवमी (शाम 04:37 PM तक)/दशमी | हस्त | शनिवार | आयुष्मान (दोपहर 11:16 AM तक) / सौभाग्य | गर (शाम 04:38 PM तक) |
| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07 बजकर 05 मिनट |
| सूर्यास्त | शाम 05 बजकर 26 मिनट |
| चंद्रोदय | रात 01 बजकर 56 मिनट |
शनिदेव पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
शनिवार को शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में तेल चढ़ाना या पूजा करना उत्तम रहेगा:
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05 बजकर 16 मिनट से 06 बजकर 10 मिनट तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक |
(शनिदेव को तेल चढ़ाने के लिए ब्रह्म मुहूर्त और विजय मुहूर्त दोनों ही अति उत्तम माने जाते हैं।)
⚠️ आज का अशुभ मुहूर्त (राहु काल)
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | सुबह 09 बजकर 40 मिनट से 10 बजकर 58 मिनट तक |
☀️ खरमास और शनिवार का महत्व
आज शाम से खरमास (Kharmas) शुरू हो रहा है, जिसका अर्थ है कि विवाह, गृह प्रवेश, और मुंडन जैसे सभी बड़े मांगलिक और शुभ कार्य अगले एक महीने तक वर्जित रहेंगे। हालांकि, इस अवधि में दान-पुण्य और ईश्वर की भक्ति का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
🙏 शनिदेव के अशुभ प्रभाव कम करने के उपाय
चूँकि आज शनिवार है और खरमास भी शुरू हो रहा है, इसलिए शनिदेव (Shanidev) और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) से जुड़े उपाय करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है:
- पीपल पूजा: शनिदेव के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए, पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएँ।
- हनुमान चालीसा: शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि की पीड़ा शांत होती है।
- विशेष दान: खरमास के दौरान दान-पुण्य का महत्व बहुत होता है। गरीबों या जरूरतमंदों को काला तिल, उड़द दाल या कंबल जैसी काली वस्तुओं का दान करें।
- विष्णु उपासना: चूंकि खरमास की अवधि में भगवान विष्णु की पूजा का महत्व बढ़ जाता है, इसलिए आज से ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ शुरू करना विशेष फलदायी रहेगा।
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