एक बार की बात है, एक घना जंगल था जहाँ सभी जानवर मिल-जुलकर रहते थे।
वहाँ एक छोटी सी, चतुर बिल्ली रहती थी जिसका नाम था बिम्मी।
बिम्मी बहुत समझदार और शांत स्वभाव की थी। सभी जानवर उससे सलाह लेने आते थे।
एक दिन जंगल में अजीब समस्या खड़ी हो गई।
शेर राजा की गुफा के पास एक बड़ा सा पत्थर गिर गया, जिससे कोई अंदर नहीं जा पा रहा था और शेर साहब अंदर ही फँस गए।
हाथी आया, उसने अपनी पूरी ताकत से पत्थर हटाने की कोशिश की, पर वह नहीं हिला।
भालू आया, उसने जोर से धक्का दिया, लेकिन पत्थर टस से मस नहीं हुआ।
तभी बिम्मी बिल्ली आई। सब जानवर बोले, “तू इतनी छोटी सी, क्या कर लेगी?”
बिम्मी मुस्कुराई और बोली,
“मैं कोशिश तो कर सकती हूँ।”
वह पत्थर के चारों ओर घूमी, ध्यान से देखा और बोली,
“इस पत्थर को सीधा नहीं हटाया जा सकता, पर अगर नीचे की मिट्टी थोड़ी खोदी जाए, तो यह खुद-ब-खुद लुढ़क जाएगा।”
सभी जानवर मिलकर मिट्टी खोदने लगे।
थोड़ी ही देर में पत्थर लुढ़क कर एक तरफ हो गया और शेर राजा बाहर आ गए।
शेर बहुत खुश हुए।
उन्होंने बिम्मी को गले लगाया और कहा,
“तू सच में जंगल की सबसे समझदार जानवर है!”
उस दिन के बाद से, बिम्मी को जंगल की सलाहकार रानी बना दिया गया।