मुंबई की भीड़ भाड़ वाली जिंदगी में सुकुन भरी जिंदगी बड़ी मुश्किल से प्राप्त होती है परन्तु कुछ लोग ऐसे भी होते है, जो लगातार संघर्षशील रहते है और नये प्रयोग करने से पीछे नही हटते है। फाल्गुनी नायर भी कुछ ऐसी सी एक कहानी की किरदार बनकर उभरी है। निवेश बैंकिंग में सफल करियर के शिखर पर पहुंचने के बाद भी फाल्गुनी नायर यथास्थिति से संतुष्ट नहीं थीं। साल 2012 तक भारतीय सौंदर्य बाजार में आशातीत सफलता के बावजूद, एक क्यूरेटेड ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का अभाव था। फाल्गुनी नायर ने इस कमी को महसूस किया और भारतीय महिलाओं को एक ही छत के नीचे ढेर सारे वास्तविक उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए एक योजना बनायी। सौंदर्य की शौकीन फाल्गुनी को इसके लिए अपने करीबियों से विद्रोह भी करना पड़ा और अपने दम पर भारत की अग्रणी ऑनलाइन सौंदर्य रिटेलर नायका की नीव रखी।
फाल्गुनी की कहानी एक ऐसे नये स्नातक से अलग है जो प्रतिदिन लाखों डॉलर कमाने के नए नए विचारों का पीछा करता रहता है। वह कॉर्पोरेट जगत का उनकों अच्छा खासा अनुभव था। उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में अपने कौशल को निखारा और कोटक महिंद्रा कैपिटल में अपने लिए रास्ता बनाया। परन्तु धीरे धीरे उन्हें कॉर्पोरेट जगत का माहौल दमघोंटू महसूस होने लगा। लंबे समय से सुप्त उद्यमशीलता की उनकी परिकल्पना रह रह कर उनकों अंदर से झकझोड़ रही थी। जैसा की एक कहावत है कि समय से पहले किसी को भी मनमाफिक सफलता नहीं मिलती है। यद्पि फाल्गुनी के पास उच्च–भुगतान वाली नौकरी की सुरक्षा थी। परन्तु उन्हें अपने पर विश्वास था और सामाजिक सुरक्षा के जीवन को छोड़ कर उन्होंने संघर्ष का रास्ता अपनाया। यह रास्ता उन्होंनें अपने जीवन के 50 वर्ष बीतने के बाद अपनाया, जो अपने आप में एक अनोखी पहल है।
यह अत्यंत कठिन कार्य था। परम्परागत ईट–भट्टे एवं मोर्टार स्टोरों के प्रभुत्व वाले बाजार में ई–कॉमर्स के लिए कोई जगह नहीं थी। निवेशक झिझक रहे थे और ऐसे देश में ऑनलाइन सौंदर्य मंच की व्यवहार्यता पर सवाल उठा रहे थे, जहां शारीरिक स्पर्श और इन–स्टोर ब्राउज़िंग को महत्वपूर्ण माना जाता था। लेकिन फालगुनी ने हार नहीं मानी। उसने अपने पुराने नेटवर्क का फायदा उठाया और वित्त प्रबंधन में उसके अनुभव अमूल्य साबित हुए। उसने बड़े उत्साह के साथ और सावधानी पूर्वक अपनी योजना तैयार की और अपने पति संजय नायर के साथ मिलकर कुछ निवेशको से फंड हासिल करने में सफलता प्राप्त की। उसने नायिका शब्द संस्कृत के शब्द नायक (आंख) से लिया और महिलाओँ को उनकी सुंदरता को निखारने पर फोकस किया।
शुरुआती दिनों में बहुत अधिक व्यस्तता रही। फाल्गुनी ने एक छोटी सी टीम के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय और भारतीय सौंदर्य ब्रांडों का सावधानीपूर्वक चयन किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक उत्पाद असली हो, क्योंकि बाजार नकली उत्पादों से पटा था। ग्राहकों का विश्वास अर्जित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम था। नायका ने भौतिक और ऑनलाइन अनुभव के बीच अंतर को पाटने के प्रयास किये और प्रत्येक उत्पाद का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया और यहां तक की ट्यूटोरियल और आभासी परामर्श की पेशकश भी की। फाल्गुनी ने लोगो की सुविधा को ध्यान में रखते हुए परेशानी मुक्त डिलीवरी और उपयोगकर्ता के अनुकूल वेबसाइट की पेशकश भी की।
लेकिन नायका का मकसद केवल उत्पाद बेचना नहीं था वह इसके माध्यम से एक समुदाय का निर्माण करना चाहती थी। उन्होंने सौंदर्य प्रवृत्तियों के बारे में बातचीत को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञ सलाह की पेशकश की और इसके लिए एक मजबूत सोशल मीडिया नेटवर्क तैयार किया। सौंदर्य क्षेत्र के विशेषज्ञ एवं सौंदर्य को प्रभावित करने वाले लोग मंच पर आए, जिससे इसकी अपील और बढ़ गई। नायका सिर्फ एक स्टोर नहीं था; यह एक भरोसेमंद दोस्त भी थी, जो सौंदर्य प्रसाधनों की अक्सर भ्रमित करने वाली दुनिया में महिलाओं का मार्गदर्शन करती थी।
फाल्गुनी का प्रयास रंग लाया। नायका तेजी से बढ़ने लगा। इसने बढ़ते भारतीय ऑनलाइन बाजार और भारतीय महिलाओं की बढ़ती खर्च योग्य आय का फायदा उठाया। फाल्गुनी की दूरदर्शिता महत्वपूर्ण साबित हुई। उन्होंने उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव को पहचाना और लोगो की सुविधा के लिए बढ़ती प्राथमिकता को तरजीह दी। साथ ही उन्होंने उपभोक्ताओं की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की प्यास को समझा और लोगो की व्यक्तिगत सौंदर्य अनुभव को प्राथमिकता दी। नायका ने उपयोगकर्ता के अनुकूल पैकेज में लपेटकर यह सब प्रस्तुत किया।
हालाँकि, फाल्गुनी ने सोचे–समझे जोखिमों से परहेज नहीं किया। 2016 में, उन्होंने लक्जरी सौंदर्य ब्रांडों की पेशकश करने वाले एक ईंट–और–मोर्टार स्टोर नायका लक्स को लॉन्च किया। शुरुआत में इस कदम को शक की नज़रों से देखा गया धीरे धीरे संदेह का धुंध साफ हो गया और यह एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। इसने ग्राहकों को सुंदरता से जुड़ी सभी चीजों के लिए वन–स्टॉप डेस्टिनेशन के रूप में नाइका की स्थिति को मजबूत किया और ग्राहको को एक ही जगह पर उच्च–स्तरीय उत्पादों का अनुभव करने का रास्ता खोला। 2018 में लॉन्च किए गए नायका फैशन ने परिधान और एक्सेसरीज़ के क्यूरेटेड चयन की पेशकश करते हुए कंपनी की पहुंच को और व्यापक बनाया।
आज, नायका एक उभरती हुई ई–कॉमर्स दिग्गज कंपनी है, जिसका मूल्य 13 बिलियन डॉलर से अधिक है। फाल्गुनी नायर, जो कभी कॉर्पोरेट प्रेमी थीं, अब एक स्व–निर्मित अरबपति हैं, जो अनगिनत महिला उद्यमियों के लिए प्रेरणा हैं। लेकिन उनकी सफलता की कहानी आंकड़ों से परे है। नायका ने भारतीय महिलाओं को सशक्त बनाया है, उन्हें अपने व्यक्तित्व को व्यक्त करने और अपनी अद्वितीय सुंदरता पर गर्व करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। इसने अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना दिया है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने महिलाओं को सीखने, साझा करने और जुड़ने के लिए जगह प्रदान की है।
फाल्गुनी नायर की कहानी उम्मीदों को धरातल पर उतारने एवं अपनी हिम्मत पर भरोसा करने और अटूट दृढ़ संकल्प के साथ अपने जुनून को आगे बढ़ाने की शक्ति का एक प्रमाण है। यह एक ऐसी कहानी है जो अनगिनत महत्वाकांक्षी उद्यमियों के दिलों में गूंजती है, यह याद दिलाती है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है और सच्ची सुंदरता आपके सपनों को पूरा करने के साहस में है।
2 thoughts on “फाल्गुनी नायर: आत्मविश्वास और दृह संकल्प के सामने उम्र आड़े नही आती है।”