केन्द्रीय मंत्री, श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी भारत के राजनीतिक परिदृश्य में एक उभरता हुआ नाम है। गैर राजनीतिक परिवार से आने के बावजुद उन्होनें बहुत कम समय में भारतीय राजनीति में एक अमीठ छाप छोड़ी है। अपने दृढ़ संकल्प और पिरस्तिथियों के साथ सामंजस्य बिठाने की कला के कारण वह अपना मुकाम हासिल करने में सफल रही है। उन्होंने टेलीविजन उद्योग की चकाचौंध और ग्लैमर से निकलकर सत्ता के गलियारों तक एक प्रमुख भारतीय कैबिनेट मंत्री के रूप में अपनी राह बनाई है। उनकी कहानी लाखो भारतीय महिलाओँ के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: 23 मार्च 1976 को दिल्ली में जन्मी स्मृति ईरानी (नी मल्होत्रा) का पालन–पोषण एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। उनके माता पिता आर्थिक परेशानी से जुझते रहते थे परन्तु उन्होंने अपनी बेटी को कड़ी मेहनत और ईमानदारी की शिक्षा दी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा होली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल से हासिल की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
मनोरंजन की दुनिया में कदम रखते ही उन्हें प्रसिद्धि मिलनी शुरु हो गयी। उनकी प्रतिभा और करिश्मा ने टेलीविजन निर्माताओं का ध्यान खींचा और जल्द ही वह छोटे पर्दे की उभरती हुई कलाकार बन गयी। वर्ष 2000 में, उन्होंने बेहद लोकप्रिय धारावाहिक “क्योंकि सास भी कभी बहू थी” में तुलसी विरानी की भूमिका से अपार प्रसिद्धि हासिल की। तुलसी की भूमिका ने उन्हें घर घर तक पहुंचा दिया।
मनोरंजन उद्योग में अपनी सफलता ने उन्हें अपनी जिंदगी के असल मकसद की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित किया क्योंकि उनकी दिली इच्छा थी कि वह सामाजिक परिवर्तन में अपनी भूमिका निभा सके। इसी कारण उन्होंने नए मुकाम की तरफ रुख किया।
राजनीति में कदम रखना: राजनीति में ईरानी का प्रवेश उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। 2003 में, वह राष्ट्रवाद और विकास की विचारधारा से प्रेरित होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। उनके गतिशील व्यक्तित्व और वाकपटुता ने तुरंत पार्टी नेताओं का ध्यान आकर्षित किया और वह विभिन्न पायदानो को लांघते हुए राजनीती में आगे बड़ने लगी।
वर्ष 2004 में, ईरानी ने अपना पहला लोकसभा चुनाव दिल्ली के चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा। हालाँकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इससे उनमें कुछ अलग करने का दृढ़ संकल्प पैदा हुआ। असफलताओं से घबराए बिना, उन्होंने अथक परिश्रम करना जारी रखा, जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ीं और उनके हितों का समर्थन किया।
प्रमुखता की ओर बढ़ना: ईरानी की दृढ़ता का फल तब मिला जब उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। परंपरागत रूप से कांग्रेस के गढ़ में एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी का सामना करने के बावजूद, वह गांधी से मामूली अंतर से हार गई, परन्तु उन्होंने अपनी इस हार का बदला 2019 के लोकसभा चुनाव में ले लिया और राहुल गांधी को महत्वपूर्ण अंतर से हराकर विजयी हुईं। उनकी इस ऐतिहासिक जीत ने राजनीतिक परिदृश्य को स्तब्ध कर दिया और उनकी जीत से भारतीय राजनीति में एक नए युग का सूत्रपात हुआ, जहां वंशवादी राजनीति पर योग्यता और कड़ी मेहनत की जीत हुई।
वह संसद में अपने जोशीले भाषणों एवं सक्रिय भागीदारी के लिए प्रसिद्ध है। महिला सशक्तिकरण के प्रति उनकी कटिबद्धता एवं शासन के प्रति उनके सक्रिय दृष्टिकोण ने उन्हें अलग पहचान दिलायी और भाजपा के भीतर एक उभरते सितारे के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हुई।
कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्ति: वर्ष 2016 में, ईरानी के शानदार प्रदर्शन ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान खींचा, जिन्होंने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया। मानव संसाधन विकास मंत्री के रुप में अपने कार्यकाल के दौरान ईरानी ने विश्व विद्यालयों में विभिन्न सुधार लागू किये। उन्होंने जून 2016 में छः नये विश्व विद्यालयों में नये योग विभाग शुरु करने की घोषणा की। परन्तु जुलाई 2016 में कैबिनेट फेरबदल में ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कपड़ा मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया। उनके कार्यकाल में कपड़ा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार हुए, जिसका उद्देश्य विनिर्माण को बढ़ावा देना, हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना और देश भर में लाखों कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना था।
वर्ष 2019 में, सार्वजनिक सेवा के प्रति ईरानी की अटूट प्रतिबद्धता को एक बार फिर पुरस्कृत किया गया जब उन्हें कपड़ा विभाग को बरकरार रखने के साथ–साथ महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। अपनी नई भूमिका में, उन्होंने महिलाओं और बच्चों के कल्याण को बढ़ाने के उद्देश्य से कई अभियान चलाये, जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान भी शामिल है, जो बालिकाओं की स्थिति में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने पर केंद्रित था।
केन्द्रीय मंत्री के रुप में किया गया कार्य स्मृति ईरानी वर्तमान में नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में सबसे युवा मंत्री हैँ। वह केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और केंद्रीय कपड़ा मंत्री के रुप में पद संभालने वाली पहली महिला भी हैं। वह राज्यसभा के लिए नामांकित होने वाली सबसे कम उम्र की महिला भी हैं।
उन्हें लोकसभा में पहली पंक्ति की सीट आवंटित की गई है, जो भाजपा पदानुक्रम में उनके उत्थान का संकेत है।
अपने लोक सभा संसदीय क्षेत्र में वह आम जनता से नियमित संर्पक में रहती है और उन्होंने जनता की शिकायतों को सुनने और समाधान करने के लिए ब्लॉक– वार जनता दरबार दीदी आपके द्वार कार्यक्रम शुरु किया, और अपने संसदीय क्षेत्र के लोगो के सुख दुख में लगातार भाग लेती है। यहां तक कि स्मृति ईरानी ने अपने करीबी सहयोगी के पार्थिव शरीर को कंधा दिया, जिनकी अमेठी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कैबिनेट मंत्री के रूप में ईरानी का कार्यकाल साहसिक और परिवर्तनकारी सुधारों के लिए जाना जाता है। इससे उन्हें पूरे राजनीतिक क्षेत्र में प्रशंसा मिली। जटिल चुनौतियों का शिष्टता और दृढ़ संकल्प के साथ हल करने की उनकी क्षमता ने भाजपा के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार किया है।
व्यक्तिगत जीवन और परोपकार: राजनीति के दायरे से परे, स्मृति ईरानी एक समर्पित पत्नी और माँ हैं। उन्होंने बिजनेसमैन जुबिन ईरानी से शादी की है और इस जोड़े के दो बच्चे हैं। अपने कठिन करियर के बावजूद, ईरानी अपनी जिम्मेदारियों को शालीनता और चतुराई के साथ संतुलित करते हुए, अपने परिवार के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
ईरानी परोपकारी प्रयासों में भी सक्रिय रहती है और जो मुद्दे उन्हें प्रिय है उनका समर्थन करने से पीछे नहीं हटती है। महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण की प्रखर वक्ता है और उन्होंने हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान और उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच प्रदान करने के लिए अथक प्रयास किया है।
अगली पीढ़ी को प्रेरणा देना: एक छोटे शहर की लड़की से एक प्रमुख कैबिनेट मंत्री तक स्मृति ईरानी की यात्रा लाखों युवा भारतीयों के लिए प्रेरणा का काम करती है। उनकी कहानी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में दृढ़ता, लचीलापन और अटूट दृढ़ संकल्प की शक्ति का उदाहरण देती है। अपने कार्यों और उपलब्धियों के माध्यम से, उन्होंने भविष्य की पीढ़ियों के लिए बड़े सपने देखने और उनकी आकांक्षाओं को हासिल करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
राजनितिक क्षेत्र में उनकी उपलब्धि उनके साहसिक व्यक्तित्व को दर्शाता है। बाधाओँ से पार पाना एवं उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की उनकी अद्भुत क्षमता का सभी लोहा मानते है। सार्वजनिक सेवा के प्रति उनका समर्पण और अपने मतदाताओं के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता एवं परोपकारी भावना उनकी नेतृत्व क्षमता एवं राजनेता की सच्ची भावना का प्रतीक है।
भारतीय राजनीति में, स्मृति ईरानी की प्रेरणादायक कहानी लाखो लागों के लिए आशा की किरण है। अपनी साधारण शुरुआत से लेकर कैबिनेट मंत्री के रूप में शानदार प्रगति तक, उन्होंने कई बाधाओं को पार किया और सफलता की राह पर आगे बढ़ीं। ईरानी की यात्रा यह संदेश देती है कि कोई भी व्यक्ति प्रतिभा, कड़ी मेहनत के दम पर आगे बढ़ सकता है। आज, स्मृति ईरानी महिला सशक्तिकरण, हर परिस्थित से सामांजस्य स्थापित करना और भारत की स्थायी भावना के प्रतीक के रूप में खड़ी हैं।