आदिवासी समाज की चार बेटियां बनीं एयर होस्टेस

मालती, सिंपल, माधवी और आकृति अब उड़ान भरने की तैयारी कर रही हैं। पश्चिम चंपारण जिले के थरुहट क्षेत्र की ये बेटियां अब हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों को सुविधाएं और सहायता प्रदान करेंगी। चार लड़कियों ने एयर होस्टेस के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इन लड़कियों का मार्गदर्शन जीविका नामक एक स्वयंसेवी संस्था ने किया। इन चारो बेटियों का चयन परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी इंफो वैली द्वारा ऑनलाइन साक्षात्कार में किया गया. एयर होस्टेस पद पर चयनित लड़कियों की खुशी का ठिकाना नहीं है.

माधवी कुमारी ने बताया कि उनके पिता एक छोटे किसान हैं और उनकी मां जीविका स्वयं सहायता समूह में काम करती है और वह अपनी छोटी सी आय से उन्हें पढ़ाया। आज वह एयर होस्टेस के रूप में चयनित होने पर बहुत खुश है।

सिंपल कुमार ने बताया कि उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कर ली है और अपनी सफलता से वह काफी खुश हैं. उनका इंटरव्यू अंग्रेजी माध्यम से हुआ जिसमें वह सफल रहीं। 9 महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें एयर होस्टेस या केबिन क्रू के पद पर रखा जाएगा.

कुमारी अनु ने बताया कि पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण उन्हें कई चीजों की जानकारी नहीं है. ऐसे में जीविका उन जैसी लड़कियों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरी है. इसमें शामिल जीविका दीदियों के माध्यम से हमें काफी मार्गदर्शन मिलता है और यही कारण है कि आज हम इस मुकाम पर हैं।

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