13 अप्रैल: जलियांवाला बाग का खौफनाक नरसंहार (Jallianwala Bagh Massacre: A Day of Horror)
13 अप्रैल, 1919, एक ऐसा दिन जो भारतीय इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक के रूप में दर्ज है। यह वो दिन था जब अमृतसर के जलियांवाला बाग में निर्दोष भारतीयों पर क्रूर गोलीबारी हुई थी। ब्रिटिश सेना ने जनरल डायर के नेतृत्व में बिना किसी चेतावनी के निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाईं, जिसमें हजारों लोग मारे गए।
एक शांतिपूर्ण सभा पर खौफनाक नरसंहार
बैसाखी के त्योहार के मौके पर जलियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा आयोजित की गई थी। हजारों लोग, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे, वे पंजाब के गवर्नर रॉबर्ट ओ’डायर के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।
जनरल डायर का क्रूर फैसला
जनरल डायर, जो अपनी निर्दयता के लिए कुख्यात था, ने बिना किसी चेतावनी के गोलीबारी का आदेश दिया। सैनिकों ने बाग के सभी दरवाजों को बंद कर दिया और निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया।
मौत का तांडव
गोलीबारी कई घंटों तक जारी रही। अनुमान है कि हजारों लोग मारे गए, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल थे। घायलों की संख्या भी हजारों में थी।
नरसंहार का भयानक प्रभाव
जलियांवाला बाग नरसंहार ने भारत में स्वतंत्रता आंदोलन को भड़का दिया। इस घटना ने भारतीयों में ब्रिटिश सरकार के प्रति भारी रोष और आक्रोश पैदा कर दिया।
इतिहास का गवाह
आज भी, जलियांवाला बाग में एक स्मारक खड़ा है जो इस नरसंहार की भयानक घटना की याद दिलाता है। यह स्मारक उन निर्दोष लोगों की याद दिलाता है जिन्होंने अपनी जान गंवाई और उन लोगों को प्रेरित करता है जो आज भी स्वतंत्रता और न्याय के लिए लड़ रहे हैं।
जलियांवाला बाग नरसंहार: कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
तारीख: 13 अप्रैल, 1919
स्थान: जलियांवाला बाग, अमृतसर, पंजाब
मृतकों की संख्या: अनुमानित 1000-3000
जिम्मेदार: जनरल डायर, ब्रिटिश सेना
कारण: पंजाब के गवर्नर रॉबर्ट ओ’डायर के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन
परिणाम: भारत में स्वतंत्रता आंदोलन को भड़का दिया
निष्कर्ष
जलियांवाला बाग नरसंहार भारतीय इतिहास की एक भयानक घटना है जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। यह घटना हमें स्वतंत्रता और न्याय के महत्व की याद दिलाती है और हमें उन लोगों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करती है जो अभी भी अत्याचार और अन्याय का सामना कर रहे हैं।
नोट:
यह लेख केवल जानकारीपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
यह लेख किसी भी व्यक्ति या समूह के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा को प्रोत्साहित या समर्थन नहीं करता है