प्रयागराज, 5 दिसंबर 2025 – संगम नगरी प्रयागराज में हर साल लगने वाला माघ मेला हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर लाखों श्रद्धालु पापों का प्रायश्चित करने के लिए स्नान करते हैं। यह मेला न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी उत्सव है। 2025 के महाकुंभ मेला की भव्य सफलता के बाद, 2026 का माघ मेला और भी भव्य रूप लेने जा रहा है। इस वर्ष की तैयारियाँ 2024 के मेले से कहीं अधिक विस्तृत और आधुनिक हैं, जिसमें बजट से लेकर बुनियादी ढांचे तक में उल्लेखनीय सुधार किए गए हैं।
आइए, जानते हैं 2026 के माघ मेला की तिथियाँ, 2024 से प्रमुख अंतर, उपलब्ध सुविधाओं और श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी टिप्स के बारे में।माघ मेला 2026 की तिथियाँ और अवधिपंचांग के अनुसार, माघ मेला पौष पूर्णिमा से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलता है। 2026 में यह आयोजन 3 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा, जो कुल 44 दिनों की अवधि है। इस दौरान कल्पवासी 29 दिनों तक कल्पवास करेंगे, जिसमें तपस्या, साधना, संयम और आत्मशुद्धि पर जोर दिया जाता है।
माघ मेला 2026: विषय-सूची
प्रमुख स्नान पर्व की तिथियाँ:
| स्नान पर्व | तिथि (2026) |
|---|---|
| पौष पूर्णिमा (प्रारंभिक स्नान) | 3 जनवरी, शनिवार |
| मकर संक्रांति (शाही स्नान) | 14 जनवरी, बुधवार |
| मौनी अमावस्या (प्रमुख स्नान) | 18 जनवरी, रविवार |
| वसंत पंचमी (शुभ स्नान) | 23 जनवरी, शुक्रवार |
| माघी पूर्णिमा | 1 फरवरी, रविवार |
| महाशिवरात्रि (समापन स्नान) | 15 फरवरी, रविवार |
ये स्नान पर्व विशेष रूप से पवित्र माने जाते हैं, और इन दिनों लाखों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए उमड़ेंगे। अनुमान है कि इस वर्ष 12 से 15 करोड़ भक्त पहुँचेंगे, जो 2024 के लगभग 5 करोड़ से काफी अधिक है।
2024 के माघ मेला से 2026 में प्रमुख अंतर2024 का माघ मेला भी सफल रहा था, लेकिन 2025 के महाकुंभ की सफलता ने 2026 के आयोजन को नई ऊँचाई दी है। प्रशासन ने सीख ली है और सुधार किए हैं। मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं:
- बजट में वृद्धि: 2024 में मेला का बजट 79.8 करोड़ रुपये था, जबकि 2026 के लिए 120 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पास हो चुका है। यह वृद्धि 40 करोड़ की है, जो बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, सफाई और सुरक्षा पर खर्च होगी।
- क्षेत्र विस्तार: 2024 में मेला क्षेत्र 750 हेक्टेयर था, जिसमें सेक्टर 1 से 5A तक थे। 2026 में क्षेत्र को 800 हेक्टेयर तक बढ़ाया गया है। अब ड्यूल-सबसेक्टर सिस्टम लागू होगा, जो जगह का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेगा और सेवाओं को बेहतर बनाएगा। संगम का सर्कुलेटिंग एरिया बढ़ा है, और स्नान घाट की लंबाई 40% बढ़कर 2.8 किलोमीटर हो जाएगी।
- तकनीकी उन्नयन: 2024 में बुनियादी मैपिंग थी, लेकिन 2026 में 3D मैपिंग और ड्रोन तकनीक का व्यापक उपयोग होगा। इससे बसावट की योजना अधिक सटीक बनेगी। यातायात के लिए 7 पॉन्टून पुल बनाए जाएँगे, जबकि 2024 में यह संख्या कम थी।
- सुरक्षा और पर्यावरण: 2024 में बुनियादी बैरिकेडिंग थी, लेकिन 2026 में 8 किलोमीटर लंबी डीप वाटर बैरिकेडिंग (प्लास्टिक जाली से बनी) लगाई जाएगी, जो गहरे पानी में गिरने से बचाएगी। संगम पर वर्ष भर सुविधाओं के लिए 8 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- पर्यटक सुविधाएँ: 2024 में पर्यटक जानकारी सीमित थी, लेकिन 2026 में पहली बार चार अस्थायी पर्यटक सूचना केंद्र स्थापित किए जाएँगे। ये हिंदी, अंग्रेजी और डिजिटल फॉर्मेट में ब्रोशर उपलब्ध कराएँगे। भूमि आवंटन भी पहले से बेहतर होगा – 2 दिसंबर 2026 से 90 बिघा भूमि 165 दंडी संन्यासी संगठनों को वितरित की जा चुकी है।
ये बदलाव महाकुंभ 2025 की सीख पर आधारित हैं, जिससे 2026 का मेला अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक बनेगा।
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→ और पढ़ें2026 माघ मेला की प्रमुख सुविधाएँ
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। मुख्य सुविधाएँ इस प्रकार हैं:
- परिवहन: प्रयागराज जंक्शन और रामबाग स्टेशन से देशभर से ट्रेनें। हवाई मार्ग से प्रयागराज एयरपोर्ट (IXP) से टैक्सी/ऑटो उपलब्ध। सड़क मार्ग से वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और दिल्ली से बसें। मेले में ई-रिक्शा, शटल बसें और वाटर टैक्सी चलेंगी। 7 पॉन्टून पुल से सेक्टरों के बीच आवागमन आसान होगा।
- रहने-खाने की व्यवस्था: कल्पवासियों के लिए टेंट सिटी, स्वच्छ घाट और अस्थायी आवास। भूमि आवंटन दंडी संन्यासियों और तीर्थ पुरोहितों के लिए पहले से। खाने के लिए लंगर और स्टॉल।
- चिकित्सा और सुरक्षा: मेडिकल कैंप, एम्बुलेंस और डॉक्टरों की टीम। ड्रोन से निगरानी, सीसीटीवी और पुलिस बल। डीप वाटर बैरिकेडिंग से डूबने की घटनाएँ रोकी जाएँगी।
- पर्यटन और सूचना: चार पर्यटक केंद्रों से प्रयागराज के प्रमुख स्थलों (जैसे अंशेश्वर मंदिर, अलोपिबाड़ी) की जानकारी। डिजिटल मैपिंग से नेविगेशन आसान।
- पर्यावरण संरक्षण: स्वच्छता अभियान, प्लास्टिक-मुक्त क्षेत्र और वर्ष भर सुविधाओं के लिए 8 करोड़ का खर्च।
ये सुविधाएँ 2024 से कहीं बेहतर हैं, जिससे मेले का अनुभव अधिक आरामदायक होगा।
श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक टिप्स
माघ मेला की भीड़ में सुरक्षित और आनंदपूर्ण यात्रा के लिए ये टिप्स अपनाएँ:
- योजना बनाएँ: प्रमुख स्नान तिथियों (जैसे मौनी अमावस्या) के लिए पहले से बुकिंग करें। मौनी अमावस्या पर सबसे अधिक भीड़ होती है, इसलिए सुबह जल्दी पहुँचें।
- स्वास्थ्य सावधानियाँ: सर्दियों में गर्म कपड़े, दवाएँ और पानी साथ रखें। स्नान से पहले गर्म पानी से स्नान करें। मास्क और सैनिटाइजर अनिवार्य। बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष ध्यान।
- भीड़ प्रबंधन: ड्रोन मैपिंग ऐप डाउनलोड करें। पॉन्टून पुलों का उपयोग करें। रात में अकेले न घूमें।
- परिवहन और रहना: ट्रेन/बस टिकट पहले बुक करें। टेंट सिटी या धर्मशालाओं में रहें। ई-रिक्शा से यात्रा करें।
- सुरक्षा: पहचान पत्र साथ रखें। चोरी से बचें। आपातकाल में हेल्पलाइन (1078) पर कॉल करें।
- आध्यात्मिक तैयारी: कल्पवास के लिए संयम रखें। दान-पुण्य करें, लेकिन प्लास्टिक का उपयोग न करें।
माघ मेला 2026 न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। यदि आप पहली बार जा रहे हैं, तो स्थानीय गाइड की मदद लें। अधिक जानकारी के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण की वेबसाइट देखें। आस्था की इस यात्रा में सभी सुरक्षित रहें और पुण्य लाभ प्राप्त करें। जय गंगा माई!
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