वह एक साधारण परिवार से संबंध रखती थी उसे कॉलेज से लेकर कॉरपोरेट जगत तक कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा। लेकिन वह हतोत्साहित नहीं हुई और दुगने उत्साह के साथ आगे बढ़ती रही।
तकनीकी दुनिया में उनका पहला कदम टिंडर था, जो उस समय का एक क्रांतिकारी डेटिंग ऐप था। लेकिन जब उन्होंने इसके निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, तो व्हिटनी को कंपनी की संस्कृति और ऐप के लिए उनके दृष्टिकोण से बहुत अधिक निराशा हुई। उन्होंने पाया की अक्सर डेटिंग गेम में महिलाओँ को निष्क्रिय भूमिका में रखा जाता है उन्होनें एक ऐसे मंच की कल्पना की थी जहां महिलाएं डेटिंग गेम में, नेतृत्व कर सकें। उनके लिए यह केवल तारीखें ढूंढने के बारे में नहीं था परन्तु उनके लिए यह महिलाओँ को शक्ति प्रदान करने एवं रोमांस की गतिशीलता को नया आकार देने का सशक्त माध्यम था।
वर्ष 2014 में, उन्होंने सफल उद्यम के आराम और सुरक्षित माहौल से बाहर निकलने का निर्णय लिया और स्टार्टअप की असुरक्षित एवं अप्रत्याशित दुनिया में कदम रखा। उनके पास दृढ़ संकल्प एवं नये विचार के अलावा कुछ नहीं था। उन्होंनें अपमे विचार का नाम बम्बल रखा, यह केवल एक डेटिंग ऐप नहीं था परन्तु यह एक सांस्कृतिक भूकंप था।
बम्बल का मूल सिद्धांत काफी सरल एव अलग था। इस मंच पर महिलाएं पहला कदम उठाती हैं। हालाँकि यह उतना महत्वपूर्ण नहीं है परन्तु इसने ऑनलाइन डेटिंग परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया। यद्यपि इस ऐप में भी पुरुष अपनी इच्छानुसार सब कुछ स्वाइप कर सकते थे, लेकिन महिलओं की सहमति के बिना बातचीत का सिलसिला शुरु तक नहीं होता था। इस बदलाव ने न केवल महिलाओं को सशक्त बनाया बल्कि सम्मान की संस्कृति को भी बढ़ावा दिया, जबकि अन्य प्लेटफार्मों पर ऐसा नही था।
बम्बल की सफलता के पीछे इसकी अभूतपूर्व अवधारणा तो थी ही परन्तु व्हिटनी के जुनून और अथक प्रयास ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वह सिर्फ इसकी मुख्य कार्यकारी अधिकारी ही नही थी वरन वह ब्रांड का चेहरा भी थीं, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इसके प्रचार प्रसार का भरपूर उपयोग किया। और बम्बल को एक आंदोलन का स्वरुप प्रदान कर दिया था। यह महिलाओं के एक समुदाय के रुप में उभरकर आया जो प्रेम और संबंध की दुनिया में अपना स्थान पुनः प्राप्त कर रहा था।
एक साल के भीतर, बम्बल ने मिलियन–यूज़र का आंकड़ा पार कर लिया। पांच साल बाद, यह सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन गई, जिससे व्हिटनी दुनिया की सबसे कम उम्र की स्व–निर्मित महिला अरबपतियों में से एक बन गई। लेकिन सफलता ने उसके दृष्टिकोण को नहीं बदला। बम्बल केवल दाएँ स्वाइप करने के बारे में नहीं था; यह सशक्तिकरण के वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के बारे में था।
बम्बल बीएफएफ ने महिलाओं को आदर्श संबंध खोजने और सार्थक दोस्ती बनाने में मदद की, जबकि बम्बल बिज़ ने सामाजिक और पेशेवर नेटवर्किंग के बीच की खाई को पाट दिया। व्हिटनी समझ गई कि एक महिला का जीवन केवल डेट ढूंढने तक ही सीमित नहीं है; यह प्यार, दोस्ती और करियर की आकांक्षाओं से भी जुड़ी हुई है। बम्बल महिलाओं के लिए उनके जीवन के सभी पहलुओं का हल ढूढ़ने के लिए वन–स्टॉप शॉप बन गया, जिससे समुदाय और भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिला जिसने ऐप की वर्तमान स्वरुप को बदल दिया। व्हिटनी ने सिर्फ अरबों डॉलर की कंपनी ही नहीं बनाई; उन्होंने एक आंदोलन को जन्म दिया, जिसमें महिलाओं के लिए खेल के नियमों को फिर से लिखने के लिए एक मंच मुहिया कराया गया और यह सिर्फ डेटिंग तक ही सिमित नहीं था बल्कि इसके आगोश में जीवन का प्रत्येक पहलु समाहित था।