सावित्री जिंदल: महिला सशक्तीकरण की अद्वितीय मिसाल

सावित्री जिंदल: महिला सशक्तीकरण की अद्वितीय मिसाल

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महिला सशक्तीकरण की अद्वितीय मिसाल हैं सावित्री जिंदल। अपनी सूझबूझ से उन्होंने जिंदल समूह को बिजनेस के क्षेत्र में उस मुकाम पर पहुंचाया है जहां पहुंचना आम आदमी के बूते के बाहर की बात है बिजनेस एवं राजनीति के क्षेत्र में अपनी अमिर छाप छोड़ने वाले सावित्री जिंदल ने औपचारिक शिक्षा के अभाव को कभी भी अपने रास्ते में बाधा नही बनाने दिया।

वर्ष 2005 में उन्होंने जिंदल समूह की बागडोर संभाली थी जब उनके पति का एक हवाई दुर्घटना में निधन हो गया था। नौ बच्चों की मां सावित्री जिंदल ने अपने पति के द्वारा तैयार की गयी शेयर धारिता के मकड़जाल को अपनी राजनीतिक सूझबूझ से सुलझाया। उनकी राजनीतिक कौशल की वजह से उनके पति के निधन के बाद उनके बिजनेस में निर्वाध परिवर्तन सुनिश्चित हुआ।

अपनी राजनीतिक कौशल से सावित्री जिंदल ने जिंदल समूह का स्टील के अलावा अन्य क्षेत्रों में विस्तार किया। इसके विशाल दायरे में जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर और जेएसडब्ल्यू सीमेंट जैसे उद्यम हैं। 1999 में सज्जन जिंदल द्वारा स्थापित, जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर जहाज मरम्मत सुविधाओं के साथ-साथ शिपयार्ड और बंदरगाह निर्माण में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है।

2023 ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, पिछले साल के दौरान भारत के सबसे धनी व्यक्तियों के बीच सावित्री जिंदल की संपत्ति में सबसे महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, यहां तक ​​कि उन्होंने मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे दिग्गजों को भी पीछे छोड़ दिया है। उनकी संपत्ति आश्चर्यजनक रूप से $9.6 बिलियन तक बढ़ गई, जिससे उनकी कुल संपत्ति $25 बिलियन हो गई, जिससे वह ब्लूमबर्ग की प्रतिष्ठित सूची में 5वें स्थान पर रहीं।

राजनीति के क्षेत्र में उनकी सक्रियता सावित्री जिंदल के बहुमुखी व्यक्तित्व में एक नया आयाम जोड़ता है। वह वर्ष 2005 में हरियाणा को विधान सभा के लिए युनी गयी और हरियाणा सरकार में राजनीति में सावित्री जिंदल का प्रवेश उनके बहुमुखी व्यक्तित्व में एक और परत जोड़ता है। 2005 में हिसार निर्वाचन क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा के लिए चुनी गईं, यह सीट पहले उनके दिवंगत पति के पास थी, बाद में उन्होंने हरियाणा सरकार में मंत्री भूमिका निभाई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्य, सावित्री ने राजस्व और आपदा प्रबंधन, समेकन, पुनर्वास और आवास राज्य मंत्री के साथ-साथ शहरी स्थानीय निकाय और आवास राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है।

बोर्डरूम से लेकर राजनीतिक क्षेत्र तक, सावित्री जिंदल की यात्रा लचीलेपन, रणनीतिक दृष्टि और व्यापार और सार्वजनिक सेवा दोनों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण देती है। चूँकि वह ओपी जिंदल समूह को नया आकार दे रही हैं और राजनीतिक परिदृश्य में योगदान दे रही हैं, इसलिए सावित्री जिंदल महिला सशक्तिकरण, बाधाओं को तोड़ने और भारत के सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में एक नए मुकाम पर पहुंच चुकी हैं।

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