RealShePower Hindi Exclusive | दिसंबर 2025
कर्नाटक के एक छोटे से सरकारी स्कूल में क्लास 8th का मैथ्स पीरियड चल रहा था। 12 साल की नंदिनी हरिनाथ ने ब्लैकबोर्ड पर सवाल सॉल्व किया। मास्टरजी ने देखा और पूरी क्लास के सामने बोल पड़े –
“लड़की हो, मैथ्स में दिमाग कहाँ से आएगा? जा बैठ, ये सब लड़कों का काम है।”
पूरी क्लास ठहाके मारकर हँस पड़ी। उसी पल नंदिनी ने ठान लिया वो दुनिया को गलत साबित करके दिखाएँगी।
आज वही नंदिनी देश की सबसे बड़ी रॉकेट वुमन हैं
- मंगलयान (2013) की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर
- 18 सफल सैटेलाइट मिशन की डिप्टी ऑपरेशंस डायरेक्टर
- चंद्रयान-1, चंद्रयान-2, आदित्य-L1 जैसे मिशनों में अहम भूमिका
- IISc बैंगलोर से B.Tech और M.Tech – दोनों में गोल्ड मेडलिस्ट
- 1991 में ISRO जॉइन किया – उस वक्त सिर्फ 3-4 महिला साइंटिस्ट थीं

24 सितंबर 2013। जब मंगलयान सफल हुआ, लाइव टीवी पर अनाउंसर ने कहा –
“ये सफलता नंदिनी हरिनाथ और उनकी टीम की मेहनत है।”
उसी रात उनके पुराने मास्टरजी का फोन आया –
“बेटी, मुझे माफ कर दो। मैं गलत था।”
आज वो लाखों लड़कियों की मिसाल हैंहर साल 5000+ स्कूलों में जाकर लड़कियों को STEM में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
हर बार जब कोई बच्ची कहती है –
“मैम, टीचर कहते हैं लड़कियाँ साइंस नहीं कर सकतीं”
तो नंदिनी जवाब देती हैं –
“उन्हें बता देना कि मंगलयान भी एक लड़की ने ही चलाया था।”
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