मंगल ग्रह की रहस्यमयी यात्रा

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रवि और अर्जुन दो बहुत ही जिज्ञासु दोस्त थे। दोनों को तारों और ग्रहों के बारे में जानना बहुत पसंद था। एक दिन, स्कूल की साइंस फेयर में उन्हें एक अद्भुत प्रोजेक्ट मिला – “मंगल ग्रह की यात्रा” 🚀। दोनों ने मन ही मन ठान लिया कि इस पर कुछ अलग और खास करेंगे।

पहला मोड़:रवि और अर्जुन ने किताबों में मंगल ग्रह के बारे में बहुत कुछ पढ़ा। उन्होंने सीखा कि वहां लाल मिट्टी, ऊंचे पहाड़ और रहस्यमय घाटियां हैं। एक दिन उनके स्कूल में एक वैज्ञानिक आए और बताया कि भविष्य में बच्चे भी मंगल ग्रह पर जा सकते हैं। यह सुनकर रवि और अर्जुन के मन में मंगल पर जाने का सपना जाग उठा। 🌌दूसरा मोड़:एक रात, दोनों दोस्त छत पर लेटे तारों को देख रहे थे। अचानक एक चमकती हुई चीज उनके सामने गिरी। जब उन्होंने पास जाकर देखा, तो वह एक चमत्कारी रॉकेट था! उस रॉकेट से एक रोबोट की आवाज आई – “क्या तुम दोनों मंगल ग्रह जाना चाहोगे?” दोनों दोस्तों ने बिना समय गंवाए हां कर दी। 🤖🚀तीसरा मोड़:रॉकेट में बैठकर रवि और अर्जुन ने मंगल ग्रह की ओर उड़ान भरी। रास्ते में उन्होंने अंतरिक्ष की सुंदरता देखी – टिमटिमाते तारे और अद्भुत आकाशगंगाएं। जब वे मंगल पर पहुंचे, तो वहां की लाल मिट्टी और विशाल पर्वतों को देखकर उनकी आंखें चमक उठीं। लेकिन तभी एक अनजान आवाज आई – “यहां कौन आया है?” 👽चौथा मोड़:रवि और अर्जुन ने देखा कि वहां एक दोस्ताना एलियन खड़ा था। उसका नाम ज़ोबी था। ज़ोबी ने बताया कि वह अकेला महसूस करता है और उसे दोस्त चाहिए। दोनों दोस्तों ने ज़ोबी को दोस्ती का हाथ बढ़ाया और तीनों ने मिलकर मंगल ग्रह का रहस्य खोजने का फैसला किया। 🤝👾अंत:ज़ोबी ने रवि और अर्जुन को मंगल की अनोखी गुफाओं और चमत्कारी पौधों के बारे में दिखाया। तीनों ने मिलकर मंगल ग्रह की खोज पूरी की और फिर धरती पर लौट आए। लेकिन वे ज़ोबी को वादा कर आए कि एक दिन वे फिर उससे मिलने आएंगे। 🌍❤️

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