मलिका विरदी: हिमालय में एक सामंजस्यपूर्ण स्वालंबन की शुरुआत

मलिका विरदी: हिमालय में एक सामंजस्यपूर्ण स्वालंबन की शुरुआत

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मलिका विरदी ने दो दशक पहले हिमालय की खूबसूरत वादियों में बसे उतराखंड के सरमोली गांव को अपनी कर्मस्थली बनाया। पहाड़ी लोगो की सादगी एवं निशछल जीवन ने उन्हें अपनी ओर आकृषित किया और वह भी उन्हीं की हो कर रह गयीं। आज, वह सरमोली-जैंती वन पंचायत की सरपंच के रूप में प्रसिद्ध हैं और गर्व से खुद को एक पहाड़ी किसान कहने पर गर्व का अनुभव करती है। हालाँकि, उनकी उपलब्धियाँ उनके कृषि प्रयासों से कहीं आगे तक फैली हुई हैं।

हिमालयन आर्क मलिका विरदी द्वारा संचालित एक अग्रणी समुदाय-आधारित पर्यटन पहल है। इस होमस्टे के माध्यम से उन्होने पर्वतीय महिलाओं के सशक्तीकरण का बीड़ा उठाया। इससे उस क्षेत्र में नये जीवन का संचार हुआ लोग आत्मनिर्भर बनने लगे और पर्यटको को हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता के दर्शन होते है। जहां वे प्रकृति और संस्कृति के साथ गहरा संबंध बना सकते हैं।

आउटलुक ट्रैवलर के साथ एक साक्षात्कार के दौरान, मलिका विर्दी ने पर्यटन को संरक्षण और आजीविका से जोड़ने वाले हिमालयन आर्क के अनूठे दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। आश्चर्यजनक गोरी घाटी में नेपाल और तिब्बत की सीमा के पास मुनस्यारी में स्थित सरमोली गांव वास्तव में एक जादुई अनुभव प्रदान करता है। इस गांव के निवासी अपने प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते है। इन लोगो ने समुदायिक जंगलों को लंबे समय से सहेजा है और उनकी जीवन शैली प्रकृति के साथ तालमेल बैठाती है।

हालाँकि, बदलते परिवेश में उनकी जीवन शैली पर बाजार आधारित जीवन शैली ने अतिक्रमण किया और इस प्रकार वन क्षेत्रों का महत्व कम होने लगा। मलिका विरदी ने संरक्षण और आजीविका के बीच अंतर को पाटने की तत्काल आवश्यकता को पहचाना। 2003 में, एक निर्वाचित सरपंच के रूप में, उन्होंने अपने जंगलों को संरक्षित करने के लिए समुदाय को एकजुट करने का प्रयास किया। परन्तु उन्हें इसमें यथोचित सफलता नही मिली क्योंकि समय के साथ प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय लोगो की निर्भरता कम हो गई थी। इस अहसास ने ही 2004 में होमस्टे की पहल को प्रेरित किया।

उनका नज़रिया स्पष्ट था इस मुहिम में वही लोग जुड़ सकते थे जो प्रकृति के संरक्षण के प्रयासो में सक्रिय थे। इस मुहिम में शुरू में तेरह परिवार शामिल हुए, जो धीरे-धीरे बढ़कर 25 हो गए। समय के साथ, यह जमीनी स्तर के आंदोलन के रुप में हिमालयन आर्क में विकसित हुआ, जो एक जिम्मेदार पर्यटन उद्यम है जो पर्वतीय समुदाय के भीतर प्रकृति और संस्कृति में सामंजस्य स्थापित करता है। आज, सरमोली में 18 पंजीकृत होमस्टे हैं, और कुछ अन्य छह पड़ोसी गांवों में फैले हुए हैं।

जैसा कि मलिका विर्दी बताती हैं, जो चीज़ हिमालयन आर्क होमस्टे अन्य पर्यटक स्थलों से भिन्न है यहां पर्यटक स्थानीय लोगो के साथ गहरे सबंध बनाकर रहते है और यह स्थान आगंतको को ग्रामीण समाज, रीत रिवाज एवं ग्रामीण सदास्यता से रुबरु करवाते है। यह स्थानीय जीवनशैली का अनुभव करने, परिवार की दैनिक दिनचर्या में भाग लेने और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने का एक अवसर है।

हिमालयन आर्क होमस्टे इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि आगंतुक अपने घर आने का जैसा अहसास करें। हिमालयन आर्क होमस्टे में आतिथ्य को मेजबानों और मेहमानों के बीच सहजीवी संबंध बनाने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। भोजन का ऑर्डर नहीं दिया जाता; इसके बजाय, मेहमानों को तीन पौष्टिक भोजन परोसे जाते हैं जो आहार संबंधी प्राथमिकताओं को पूरा करते हैं। ग्रामीण महिलाओं की जिम्मेदारियों को समझते हुए, नाश्ता और रात का खाना गर्म होता है, जबकि दोपहर का भोजन सुविधाजनक रूप से पैक किया जाता है, जिससे मेजबानों को अपने दैनिक काम करने की अनुमति मिलती है। इसका उद्देशय मेहमानों को ग्रामीण जीवन शैली की झलक दिखाना और समुदाय के भीतर सह-स्वामित्व एवं सौहार्द की भावना को बढ़ावा देना है।

हिमालय आर्क की यात्रा में भी चुनौतियां है। एक आम ग़लतफ़हमी यह है कि गाँव के होमस्टे को सस्ते आवास के रुप में पेशकश किया जाये, जिससे कि ग्रामीणों के द्वारा सांस्कृतिक अनुभव की महत्ता को कम आंका जा सके। इसके अतिरिक्त, बाजार के दबाव के बीच समुदाय के भीतर एकता बनाए रखना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि कुछ व्यक्ति सामूहिक मॉडल से अलग होने का प्रयास कर सकते हैं। फिर भी, मलिका विरदी एकजुटता के महत्व पर जोर देती हैं, क्योंकि एक सामूहिक मोर्चा बहुमत की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और बाजार को उनके हितों पर हावी होने से रोकता है।

हालाँकि सरकार होमस्टे के लिए समर्थन व्यक्त करती है, लेकिन बुनियादी ढाँचा लगातार एक चुनौती बना हुआ है। सीमित कनेक्टिविटी, खराब रखरखाव वाली सड़कें और एटीएम और क्रेडिट कार्ड सेवाओं जैसी आवश्यक सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दे ग्रामीण होमस्टे के फलने-फूलने के रास्ते में रोड़े खड़े करते है। ग्रामीण पर्यटन पहल की सफलता को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार के लिए इन बुनियादी ढांचागत कमियों को दूर करना महत्वपूर्ण है।

मलिका विरदी का हिमालय आर्क जिम्मेदार पर्यटन का एक चमकदार उदाहरण बन गया है। इसके तहत पर्यटन और स्थानीय पहचान के संरक्षण के बीच एक नाजुक संतुलन सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है और यह प्रयास समुदायिक तौर पर किया जाता है। इसके मूल में समुदायिक प्रयास, महिला सशक्तीकरण एवं आगनतुकों का हित सर्वोपरि है। संसाधनों के उपयोग और स्थानीय समुदाय के सशक्तिकरण के बारे में जागरूकता वास्तव में जिम्मेदार और समृद्ध पर्यटक अनुभव में योगदान करती है।

मलिका विरदी की अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से, सरमोली गांव एक अलौकिक स्वर्ग में बदल गया है जहां आगंतुक प्रकृति, संस्कृति और स्थानीय समुदाय की जीवंत भावना से गहराई से जुड़ सकते हैं। हिमालय आर्क ग्रेटर हिमालय की शानदार पृष्ठभूमि में समुदाय के नेतृत्व वाली पहल और पर्यटन, संरक्षण और आजीविका के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के अप्रीतम उदाहरण है।

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