पौष मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि (9 दिसंबर, 2025) पितरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण जैसे कार्यों के लिए विशेष फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन सही विधि और शुभ मुहूर्त में किए गए कर्मों से पितर प्रसन्न होकर शांतिपूर्वक विदा होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
यदि आप आज के दिन अपने दिवंगत पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहती हैं, तो आपको दिन और रात के चौघड़िया मुहूर्त को ध्यान में रखना चाहिए।
☀️ आज दिन का चौघड़िया मुहूर्त: 9 दिसंबर 2025 (सूर्योदय से सूर्यास्त तक)
चौघड़िया मुहूर्त में तीन प्रकार के समय होते हैं: शुभ, सामान्य (चर) और अशुभ (रोग, काल, उद्वेग)। पितरों के निमित्त कर्म सामान्य या शुभ मुहूर्त में करना उत्तम माना जाता है।
| मुहूर्त का नाम | समय अवधि | फल | उपयुक्त कार्य |
| रोग | सुबह 07:02 बजे से 08:20 बजे तक | अशुभ | स्वास्थ्य या दवा से जुड़े कार्यों को छोड़कर नया काम न करें। |
| उद्वेग | सुबह 08:20 बजे से 09:37 बजे तक | अशुभ | चिंता या तनाव का समय। बड़े निर्णय, दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर टालें। |
| चर | सुबह 09:37 बजे से 10:55 बजे तक | सामान्य/शुभ | यात्रा, वाहन खरीद या गतिशीलता से जुड़े कार्यों के लिए अच्छा। |
| लाभ | सुबह 10:55 बजे से दोपहर 12:13 बजे तक | शुभ (उत्तम) | पितरों के तर्पण और वित्तीय लेन-देन के लिए सर्वश्रेष्ठ। |
| अमृत | दोपहर 12:13 बजे से 01:31 बजे तक | सर्वोत्तम शुभ | सभी प्रकार के शुभ कार्य, धार्मिक अनुष्ठान और महत्वपूर्ण कार्य शुरू करें। |
| काल | दोपहर 01:31 बजे से 02:49 बजे तक | अशुभ | मांगलिक और नए कार्य शुरू करने से बचें, कार्यों में बाधा आ सकती है। |
| शुभ | दोपहर 02:49 बजे से 04:07 बजे तक | शुभ | शिक्षा, सामाजिक समारोह, और विवाह संबंधी चर्चाओं के लिए अच्छा। |
| रोग | शाम 04:07 बजे से 05:24 बजे तक | अशुभ | दिन का अंतिम अशुभ मुहूर्त। |
🌙 आज रात का चौघड़िया मुहूर्त: 9 दिसंबर 2025 (सूर्यास्त से अगले सूर्योदय तक)
रात के मुहूर्त का उपयोग मुख्य रूप से गुप्त साधना, ध्यान या यात्रा के लिए किया जाता है।
| मुहूर्त का नाम | समय अवधि | फल | उपयुक्त कार्य |
| काल | शाम 05:24 बजे से 07:07 बजे तक | अशुभ | रात का पहला अशुभ समय। |
| लाभ | शाम 07:07 बजे से 08:49 बजे तक | शुभ | अध्ययन, योजना बनाने और वित्तीय मामलों पर विचार करने के लिए अच्छा। |
| उद्वेग | रात 08:49 बजे से 10:31 बजे तक | अशुभ | अनावश्यक तनाव या चिंता से बचें। |
| शुभ | रात 10:31 बजे से देर रात 12:13 बजे तक | शुभ | पूजा-पाठ, ध्यान और धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम। |
| अमृत | देर रात 12:13 बजे से 01:56 बजे तक | सर्वोत्तम शुभ | गुप्त साधना, महत्वपूर्ण रणनीतियाँ बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ। |
| चर | देर रात 01:56 बजे से 03:38 बजे तक | सामान्य | लंबी दूरी की यात्रा (आवश्यकतानुसार) और सोने के लिए उपयुक्त। |
| रोग | सुबह 03:38 बजे से 05:20 बजे तक | अशुभ | कोई भी नया कार्य शुरू न करें। |
| काल | सुबह 05:20 बजे से 07:02 बजे तक | अशुभ | रात्रि का अंतिम अशुभ समय, बाधा से बचने के लिए महत्वपूर्ण कार्य टालें। |
💡 पंचमी तिथि पर पितृ तर्पण के लिए विशेष सुझाव
- उत्तम समय: पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध कर्म लाभ मुहूर्त (सुबह 10:55 से दोपहर 12:13) या अमृत मुहूर्त (दोपहर 12:13 से 01:31) में ही करें।
- ज़रूरी सामग्री: तर्पण के लिए काले तिल, गंगाजल, कुश और फूल का उपयोग करें।
- शुभ दिशा: तर्पण हमेशा दक्षिण दिशा की ओर मुख करके ही करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं और पंडित जी द्वारा साझा की गई जानकारी पर आधारित है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले अपने स्थानीय पुजारी या विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूर लें।
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